याद का गहरा समंदर है बचा लो यारों
मैं डूबता हूँ कोई तिनका तो फेंको यारों
मैं खड़ा हूँ वहीँ पे उस दरख़्त-ए-टेसू सा
तुम बढ़े जाते हो कभी पीछे तो देखो यारों
बंद दरवाज़ा खटखटा के न लौटो ऐसे
मैं इंतज़ार में हूँ खिड़की से झाँको यारों
मैं डूबता हूँ कोई तिनका तो फेंको यारों
मैं खड़ा हूँ वहीँ पे उस दरख़्त-ए-टेसू सा
तुम बढ़े जाते हो कभी पीछे तो देखो यारों
बंद दरवाज़ा खटखटा के न लौटो ऐसे
मैं इंतज़ार में हूँ खिड़की से झाँको यारों
1 comment:
सर्वोत्तम लेखक...हाँ चचा का चेला है...
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