30.4.10

Metro

मेरे शहर में एक अज़ीब फ़सल उगी है
सीमेंट के खम्भों पर
पटरियों की बेल चड़ी है
और उस पे लोहे की रेल खड़ी है  

जिसमें ढेरों लोग पके हैं

1 comment:

Pallav said...

Reading hindi poems is a lovely experience :)

Nice comparison of metro. Like seeds in some alien plant.


N

Thanks for the comment on my blog.