The willful notions adrift in the endless sentient sea. The fisherman- me.
ये शुरुआत ज़रूरी है ये लमहा आख़ीरी है
दुनिया ठेलमठेला है ठाठमठाठ फ़क़ीरी है
सूरज फिर से उग आया कैसी कीमियागीरी है
सारी रात पकाई है लो, सपनों की शीरी है
हीरी न मांगे मन्नू उसके फोन में 'सीरी' है
कीमियागीरी: Alchemy शीरी: खीर सीरी: Siri (iPhone)
Post a Comment
No comments:
Post a Comment