25.1.10

ये धूप भी खुदाया क्या टूट के निकली है
शादी में कोई लड़की ज्यों तैयार हो आई हो

है चंद रात की बस चंदा की मोनोपोली
रोशन करो अमावस, तुम नूर की जाई हो



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