2.3.14

वत्सला, वत्सला, वत्सला


Lyrics by me
Composed and sung by: Roy Menezes

एक पहेली अबूझी, न समझा कोई
कौन है तू बता, अर्थ है तेरा क्या

वत्सला, वत्सला, वत्सला

उडती बेबाक सी, मानो काफ़िर हवा
न फिकर, न गिला, इनसे तुझको था क्या
बस यही तूने माना, यही बस कहा
बहती पछुआ के संग, नाम तेरा बहा

वत्सला, वत्सला, वत्सला

बस तेरी ही तेरी थी, तेरी ज़िंदगी
तेरे दामन में था, कोई दूजा नहीं
यूँ तू बहती चली, था तुझे क्या पता
एक दिन तुझ को सागर में मिलना ही था

वत्सला, वत्सला, वत्सला

एक दिन तुझ को एक जलता सूरज मिला
तेरा जीवन भी उजली किरण सा खिला
दिल पे जैसे हुयी, एक दस्तक हसीं
फ़िर न दिल ने सुनी, जो भी तूने कहा

वत्सला, वत्सला, वत्सला

वक़्त की छांव में, प्यार पलने लगा
बन गयी तू ज़मीं, एक गुंचा उगा
उसके खिलने से पहले, उड़ा यूँ धुआं
था जहाँ गुलसितां, अब वो सहरा बना

वत्सला, वत्सला, वत्सला

एक दिन एक भटकती हुयी सी कली
डाल से हो जुदा, सहरा में आ गिरी
है ज़मीं तो ज़मीं, हो गयी फ़िर हरी
उस कली को मिला एक नया बागबां
और ज़मीं को मिला, फ़िर नया आसमां

वत्सला, वत्सला, वत्सला

था ज़रूरी किसी की बने तू ज़मीं
तेरे आँचल को तो अर्श बनना ही था
तूने हाथों में जीवन उगाना ही था
इस पहेली को यूँ अर्थ मिलना ही था

वत्सला, वत्सला, वत्सला

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