जो कोई भली बात कहो
तो मांग लेना दाम भी
कि मुफलिसों को लोग
समझ लेते हैं मसीहा अक्सर
और हर मसीहा के नसीब में
लिखी है एक सलीब
***
सियासतफरोशी पे ऐसे न चौंको
कि ये दौर है कॉमर्स का
आज जंगल में खलबली सी है
एक नयी बात भी चली सी है
मांगती घास धूप में हिस्सा
पर दरख्तों को आपत्ति सी है
There is unrest in the forest
There is trouble with the trees
For the Maples want more sunlight
And the Oaks ignore their pleas
(From: The Trees by Rush)
तो मांग लेना दाम भी
कि मुफलिसों को लोग
समझ लेते हैं मसीहा अक्सर
और हर मसीहा के नसीब में
लिखी है एक सलीब
***
सियासतफरोशी पे ऐसे न चौंको
कि ये दौर है कॉमर्स का
***
आज जंगल में खलबली सी है
एक नयी बात भी चली सी है
मांगती घास धूप में हिस्सा
पर दरख्तों को आपत्ति सी है
There is unrest in the forest
There is trouble with the trees
For the Maples want more sunlight
And the Oaks ignore their pleas
(From: The Trees by Rush)
No comments:
Post a Comment