18.8.14

सुन्न सा, बेपरवाह

बेपरवाह
(Comfortably Numb, Pink Floyd)

सुनो सुनो सुनो
क्या कोई भी है यहां
अगर हो तो कुछ कहो
अरे, है कोई वहां

सुनो मेरी बात
कहो क्यूँ हो तुम हताश
मेरे पास है तुम्हारे
हर दर्द का इलाज़

जरा बैठो तो सही
कह डालो अनकही
सब सच सच बोल दो
कहो दर्द है कहाँ

अब दर्द न रहा, लो मैं बह चला
जैसे दूर क्षितिज पे कोई जहाज
लहरों सी आ रही मेरी आवाज़
मेरे होंठ हिलते हैं, बेआवाज़

मुझे याद हैं बचपन के सब फितूर
जब हाथ गुब्बारों से हलके थे
अब एक बार फिर मैं उड़ चला
मैं क्या कहूँ, भला कौन समझेगा
ये तो मैं नहीं, है कोई दूसरा

मैं... हो रहा
सुन्न सा, बेपरवाह

और अब
एक ज़रा सी चुभन
ना तू होना परेशां
जो थोड़ा सर चकराये तो

खडा होकर तो बता
हाँ, सब ठीक लग रहा
सब अच्छा ही होगा
चल वक़्त भी हो चला

अब दर्द न रहा, लो मैं बह चला
जैसे दूर क्षितिज पे कोई जहाज
लहरों सी आ रही मेरी आवाज़
मेरे होंठ हिलते हैं, बेआवाज़

जब मैं था नन्हा सा
मुझे कुछ दिखा
बस इक झलक
और जब तक मैं मुड़ा,
था वो लापता
अब याद भी नहीं,
जाने वो क्या था
अब तो वो बिसरा
किसी सपने सा

और मैं... मैं हो चला
सुन्न सा, बेपरवाह 

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