ऐतराज़ी मेरा खुदा ही सही
सबकी नज़रों में मैं बुरा ही सही
तेरे लंगर तुझे मुबारक हों
मेरी मौज़ों को तो दरिया ही सही
चैन को ढूंढने वाले लोगों
मैं खोया खोया लापता ही सही
मैं नींद में भी सफ़र करता हूँ
मेरा बिस्तर सरे-रस्ता ही सही
खुद से बातों का शौक़ ले डूबा
मन्नू का दिल लगे तनहा ही सही
No comments:
Post a Comment