ओ रजत से केश वाली
कन्धों पर नागेश वाली
ओ खलीसी
दीर्घबाहू तनयकाया
निर्विकारा महामाया
ओ खलीसी
अग्नि पहने नग्न काया
बाल बांका हो न पाया
ओ खलीसी
न्याय तेरी जिह्वा राजे
रण की चण्डी लड़े आगे
ओ खलीसी
महासर्पों की ओ माता
दंभ तुझको छू न पाता
ओ खलीसी
किन्नरों की सेना तेरी
स्वामियों की नगरी घेरी
ओ खलीसी
दास को स्वातंत्र्य देवे
मिस्सा का तू नाम लेवे
ओ खलीसी
जब तू सागर पार आये
सात देशों पे तू छाये
ओ खलीसी
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