29.8.15

खलीसी

ओ रजत से केश वाली
कन्धों पर नागेश वाली
ओ खलीसी

दीर्घबाहू तनयकाया
निर्विकारा महामाया
ओ खलीसी

अग्नि पहने नग्न काया
बाल बांका हो न पाया
ओ खलीसी

न्याय तेरी जिह्वा राजे
रण की चण्डी लड़े आगे
ओ खलीसी

महासर्पों की ओ माता
दंभ तुझको छू न पाता
ओ खलीसी

किन्नरों की सेना तेरी
स्वामियों की नगरी घेरी
ओ खलीसी

दास को स्वातंत्र्य देवे
मिस्सा का तू नाम लेवे
ओ खलीसी

जब तू सागर पार आये
सात देशों पे तू छाये
ओ खलीसी

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