7.8.15

दोस्त

हमसफ़र हमदर्द हमसाये पुराने दोस्त
ज़िन्दगी में रौनकें लाये पुराने दोस्त

जब कभी खुद को यूँ तन्हा शहर में पाया
तब बड़ी शिद्दत से याद आये पुराने दोस्त

रेत के सहरा को पैदल पार करना हो
बेफिकर चल धूप में साये पुराने दोस्त

वाहवाही के ख़ज़ाने खोल दे ए दिल
जब फटी आवाज़ में गाये पुराने दोस्त

मन्नू समझे ज़िन्दगी ने दे दिया सब कुछ
खो के दोबारा जो मिल पाये पुराने दोस्त

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