24.8.09

संगत का असर

बहुत दिन से
चुप है ज़िन्दगी
न खास शिकवे-शिकायत
न ज्यादा हील-ओ-हुज्जत

सुधर गयी है शायद
तेरी संगत पा कर

1 comment:

Anonymous said...

я так считаю: бесподобно!! а82ч