आज दावत पे आईयेगा हुज़ूर
साथ छूरे भी लाइयेगा हुज़ूर
पहले पूजा है, पेट पूजा फ़िर
फूल माला चढ़ाइएगा हुज़ूर
गाव तकिये भी बिछा रखे हैं
रक्से-बिस्मिल सराहिएगा हुज़ूर
सर की ढेरी पे बैठ के फ़िर, सर
फ़िर से पावर में आईयेगा हुज़ूर
पुलीस को किसी के पीछे कर
ताब 'साहिब' की बजाइयेगा हुज़ूर
हुज़ूम ही ठैरा, ये पलट भी सकता है
कब तलक खैर मनाइएगा हुज़ूर
'मन्नू' की बात ध्यान में रखियो
वरना पीछे पछताइएगा हुज़ूर
साथ छूरे भी लाइयेगा हुज़ूर
पहले पूजा है, पेट पूजा फ़िर
फूल माला चढ़ाइएगा हुज़ूर
गाव तकिये भी बिछा रखे हैं
रक्से-बिस्मिल सराहिएगा हुज़ूर
सर की ढेरी पे बैठ के फ़िर, सर
फ़िर से पावर में आईयेगा हुज़ूर
पुलीस को किसी के पीछे कर
ताब 'साहिब' की बजाइयेगा हुज़ूर
हुज़ूम ही ठैरा, ये पलट भी सकता है
कब तलक खैर मनाइएगा हुज़ूर
'मन्नू' की बात ध्यान में रखियो
वरना पीछे पछताइएगा हुज़ूर
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