Composed and sung by: Mayuresh Kelkar
Recorded at: Studio Dhwani
ठंडक पड़ जाये दिल को जो
मुँह करवा ले काला सूरज
तड़के मेरी खिड़की पे फिर
आ बैठा है साला सूरज
बादल से मरहमपटटी कर
दो तो शायद चैन पड़े कुछ
आसमान की पीठ पे जैसे
पीप भरा इक छाला सूरज
सुनते हैं गोरी नस्लों को
धूप बड़ी अच्छी लगती है
हमको बारिश दे दो, बदले
में ले जाओ साला सूरज
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