14.1.15

हैलो अजनबी

हैलो अजनबी
डलहौज़ी के उस कमरे में 
फायरप्लेस तो होगा शायद
(सुना बड़ी सर्दी होती है)
उसी आग की लाल गुमट में
बैठ चिपक के तेरी डायरी
मेरी डायरी, मिल के पढ़ेंगे
सिरफ करेंगे दिल की बातें 
सिफ़र करेंगे बीती बातें
नयी लिखेंगे  

हैलो अजनबी
आँखों में आँखें रख के भी 
सोये सोये रहते हो क्यूँ 
(खुद में खोये रहते हो क्या) 
उंगली के पोरों की आँखें 
तेरे दिल की घनी वादियां  
और बदन की टेड़ी गलियाँ
छुपन छुपाई कितनी खेलो  
पा ही लेंगे इक दूजे को
गर ढूंढेंगे 

डलहौज़ी के उस कमरे में 
फायरप्लेस तो होगा शायद
(सुना बड़ी सर्दी होती है)
हैलो अजनबी

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