गरम, नरम, तीखा, नमकीन, मसालेदार
आत्मा तक को अघाने वाला मेरा पहला प्यार
जिसकी हर बात में ज़न्नत का लुत्फ़ था
अब आप कहते हैं जनाब उसमें भी नुक्स था
कितने नाजों से खुद को चखाया तूने
तेरे बोसे को होठों पे सजाया मैंने
तेरे उस taste-health जुमले को
मासूम झूठ समझ दिल में बिठाया मैंने
अब न रोको कह ही डालो मोहतरमा
ज़हर था या प्यार था तुम्हारा चुम्मा
जिसको मरहम समझा क्या फख्त चोट था
क्या सचमुच मेरी मुह्हब्बत में खोट था
आत्मा तक को अघाने वाला मेरा पहला प्यार
जिसकी हर बात में ज़न्नत का लुत्फ़ था
अब आप कहते हैं जनाब उसमें भी नुक्स था
कितने नाजों से खुद को चखाया तूने
तेरे बोसे को होठों पे सजाया मैंने
तेरे उस taste-health जुमले को
मासूम झूठ समझ दिल में बिठाया मैंने
अब न रोको कह ही डालो मोहतरमा
ज़हर था या प्यार था तुम्हारा चुम्मा
जिसको मरहम समझा क्या फख्त चोट था
क्या सचमुच मेरी मुह्हब्बत में खोट था
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