The willful notions adrift in the endless sentient sea. The fisherman- me.
आँख के इस गाँव में अपने नमक के खेत हैं तुम कहाँ सूरजमुखी के बीज लेकर आ गए
ज़हर के इस शहर में इक दोपहर की रेत पर कौन हो जो बारिशों सी प्रीत लेकर आ गए
लकड़बग्घा राज में सियार की सरकार है सरफिरे खमिशियों के गीत लेकर आ गए
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