20.6.15

नमक के खेत

आँख के इस गाँव में अपने नमक के खेत हैं
तुम कहाँ सूरजमुखी के बीज लेकर आ गए

ज़हर के इस शहर में इक दोपहर की रेत पर
कौन हो जो बारिशों सी प्रीत लेकर आ गए

लकड़बग्घा राज में सियार की सरकार है
सरफिरे खमिशियों के गीत लेकर आ गए

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